देसी देवी निकिता अपने कामुक उभारों और प्राकृतिक संपत्तियों का प्रदर्शन करते हुए दूसरे दौर के लिए लौटती हैं। मुंबई में उनका आकर्षक ऑडिशन आत्म-आनंद में लिप्त होते हुए, गर्म गंदी बातों और तीव्र उंगलियों में शामिल होते हुए बढ़ता जाता है, जिसका समापन एक भावुक चुंबन में होता है।