मिसलौरा, एक आकर्षक लोमड़ी, धातु की काकोफनी में रहस्योद्घाटन करती है, उसका शरीर परमानंद में सिहर जाता है क्योंकि उसकी संवेदनशील त्वचा को जकड़न और थपथपाहटें सहलाती हैं। यह मनमोहक छेड़खानी एक कामोत्तेजक दावत में बदल जाती है, उसकी आनंद से भरी कराहें स्टील की सिम्फनी के बीच गूंजती हैं।